"बाशिंग"
निम्न पर्वतीय क्षेत्रो मैं पाई जाने वाली इस वनस्पति को उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र मैं "बाशिंग" नाम से जाना जाता है।
यह एक प्राकर्तिक औषधि का काम करती है।
जले हुए और कटे हुए घावों को जल्दी ठीक करने हेतु प्राकृतिक पूतिरोधी के रूप मैं इसका उपयोग किया जाता है।
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र मैं यह वनस्पति प्रचुर मात्रा मैं पाई जाती है।
फ़िलहाल इसका उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों मैं ही किया जा रहा है। वैज्ञानिक स्तर पर अभी इस पर शोध होना बाकि है।
भविष्य मैं इस पौधे के चिकित्सा के क्षेत्र मैं पूर्तिरोधी के रूप मैं उपयोग किये जाने की बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं, क्योंकि यह प्राकृतिक स्तर पर पाया जाने वाला सबसे अच्छा एंव सुलभ पूर्तिरोधी है।
Source : Local Listners.
यह एक प्राकर्तिक औषधि का काम करती है।
जले हुए और कटे हुए घावों को जल्दी ठीक करने हेतु प्राकृतिक पूतिरोधी के रूप मैं इसका उपयोग किया जाता है।
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र मैं यह वनस्पति प्रचुर मात्रा मैं पाई जाती है।
फ़िलहाल इसका उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों मैं ही किया जा रहा है। वैज्ञानिक स्तर पर अभी इस पर शोध होना बाकि है।
भविष्य मैं इस पौधे के चिकित्सा के क्षेत्र मैं पूर्तिरोधी के रूप मैं उपयोग किये जाने की बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं, क्योंकि यह प्राकृतिक स्तर पर पाया जाने वाला सबसे अच्छा एंव सुलभ पूर्तिरोधी है।
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